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शिव ताण्डव स्तोत्र

कथा मान्यता है कि रावण ने कैलाश पर्वत ही उठा लिया था और जब पूरे पर्वत को ही लंका ले चलने को उद्यत हुआ तो भोले बाबा ने अपने अंगूठे से तनिक सा जो दबाया तो कैलाश फिर जहां था वहीं अवस्थित हो गया। शिव के अनन्य भक्त रावण का हाथ दब गया और वह आर्तनाद कर उठा - "शंकर शंकर" - अर्थात क्षमा करिए, क्षमा करिए और स्तुति करने लग गया; जो कालांतर में शिव तांडव स्त्रोत्र कहलाया। स्तोत्र जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले, गलेऽवलम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंगमालिकाम्‌। डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं, चकारचंडतांडवं तनोतु नः शिवः शिवम्‌ ॥1॥ जटाकटाहसंभ्रममंभ्रमन्निलिंपनिर्झरी, विलोलवीचिवल्लरी विराजमानमूर्धनि । धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके, किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं ममं ॥2॥ धराधरेंद्रनंदिनी विलासबंधुवंधुर-स्फुरद्दिगंतसंतति प्रमोद मानमानसे । कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि क्वचिद्विगम्बरे मनोविनोदमेतु वस्तुनि ॥3॥ जटाभुजंगपिंगलस्फुरत्फणामणिप्रभा-कदंबकुंकुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे । मदांधसिंधुरस्फुरत्वगुत्तरीयमेदुरे मनोविनोदद्भुतं बिंभर्तुभूतभर्तरि ॥4॥ सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर-प्रसूनधूलिधो...

समस्याओं का समाधान

हनुमान जी एक ऐसे देवता है जोकि सशरीर आज भी जीवित है. हनुमान जी की भक्ति से सभी प्रकार की शक्तियों प्राप्त होती है. कलियुग में मनुष्य जब चारो और संशयो से घिरा है उसके जीवन में सिर्फ हनुमान जी ही उजाला ला सकते है. जय श्रीराम जय हनुमान जय श्रीराम धर्मेन्द्र सिंह चौहान 09457677900 (प्रभु कृपा)

मानस के सिद्ध स्तोत्रों के अनुभूत प्रयोग

tfdhn धर्मेन्द्र सिंह चौहान 09457677900 (प्रभु कृपा)

हनुमान उपासना

1. हनुमानजी इस धरती पर अजर और अमर हैं। हर दिन हर पल अपने भक्तों के प्राण हैं। 2. श्री हनुमाजी की लीला एवं शक्ति अपरम्पार है। हनुमान जी ऐसे देवता हैं जिनको यह वरदान प्राप्त है जो भी भक्त हनुमान जी ऐसे देवता हैं जिनको यह वरदान प्राप्त हैं जो भी भक्त हनुमान जी की शरण में आयेगा उसका कलियुग कुछ भी नहीं बिगाड़ पायेगा। 3. आज यदि कोई शीघ्रता से प्रसन्न होने वाला है तो व हनुमान जी ही हैं जिन भक्तों ने पूर्ण भाव एवं निष्ठा से हनुमान जी की भक्ति की है, उनके कष्टों को हनुमान जी ने शीघ्र ही दूर किया है। ऐसे भक्तों को जीवन में कभी भी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता उनके संकटों को हनुमान जी स्वयं हर लेते हैं। 4. गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के कथानुसार उनकी सेवा में कोई विशेष प्रयास करना नहीं पड़ता। ये गुणगान करने, नमस्कार करने, स्मरण करने तथा नाम जपने मात्र से प्रसन्न होकर सेवकों का अभीष्ट हितसाधन सम्पन्न करने को सदैव तत्पर रहते हैं। जिसके हृदय में इनकी विकराल मूर्ति निवास कर लेती है, स्वप्न में भी उसकी छाया के पास भी संताप-पाप निकट नहीं आ सकते। धर्मेन्द्र सिंह चौहान 09457677900 (प्रभु कृ...

हनुमान उपासना एवं मंत्र

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् । सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।। दक्षिणे लक्ष्मणो यस्य वामे च जनकात्मजा। पुरतो मारुतिर्यस्य तं वन्दे रघुनन्दनम् ।।   धर्मेन्द्र सिंह चौहान 09457677900 (प्रभु कृपा)

हनुमान कवच

धर्मेन्द्र सिंह चौहान 09457677900 (प्रभु कृपा)