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मैं बहुत दिनों से नेट पर कुछ जानकारी अपनी और दूसरो के साथ आदान -प्रदान करना चाहता था जो की ब्लॉगर वेब से आप सभी से मिलने का मौका दिया। मैं वेब का दिल से आभारी हूँ की मैं आप सभी तक अपनी बात पंहुचा पा रहा हूँ। आप को धर्म या ज्योतिष की कोई भी जिज्ञासा हो तो मुझे कॉल करे या मेल करें में पूरी कोशिश करूंगा की आप की जिज्ञासा का समाधान करूँ। ds_chouhan2007@yahoo.co .in 09411613089
रामचरितमानस के मन्त्र गोस्वामी तुलसीदासजी के द्वारा प्रकट किये गये रामचरितमानस के मन्त्र अगर इन मंत्र से लाभ मिले तो कृपया मुझे ईमेल करें- ds_chauhan2007@yahoo.co.in विभिन्न कष्ट निवारण मन्त्र ईश्वर दर्शन के लिए नील सरोरुह नील मनि नील नीलधर श्याम । लाजहि तन शोभा निरखि कोटि कोटि शत काम ॥ आराम मिलने के लिए रामचरन द्रढ प्रीति कर बालि कीन्ह तन त्याग । सुमन माल जिमि कंठ से गिरत न जानै नाग ॥ रक्षा मंत्र मामभिरक्षय रघुकुल नायक । घृतवर चाप रुचिरकर सायक ॥ विपत्तिनाश के लिये राजिवनयन धरें धनु सायक । भगत विपति भंजन सुखदायक ॥ संकटनाश के लिये जो प्रभु दीनदयाल कहावा । आरति हरन वेद जसु गावा॥जपहि नामु जनु आरति भारी। मिटहि कुसंकट होहिं सुखारी॥दीन दयाल विरिदु सम्भारी। हरहु नाथ मम संकट भारी॥ कठिन कलेश नाश के लिये हरन कठिन कलि कलुष कलेसू। महामोह निसि दलन दिनेसू॥ विघ्न शांति के लिये सकल विघ्न व्यापहिं नहि तेही।राम सुकृपा बिलोकहिं जेही॥ दुख नाश के लिये जब ते राम ब्यहि घर आये।नित नव मंगल मोद बधाये॥ चिन्ता की समाप्ति के लिये जय रघुवंश बनज बन भानू। गहन दनुज कुल दहन कृशानू॥दैहिक दैविक भौतिक तापा।राम राज काहूहिं

ज्योतिष समस्या का समाधान

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भगवान शिव के 108 नाम 1. शिव - कल्याण स्वरूप 2. महेश्वर - माया के अधीश्वर 3. शम्भू - आनंद स्स्वरूप वाले 4. पिनाकी - पिनाक धनुष धारण करने वाले 5. शशिशेखर - सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले 6. वामदेव - अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले 7. विरूपाक्ष - भौंडी आँख वाले 8. कपर्दी - जटाजूट धारण करने वाले 9. नीललोहित - नीले और लाल रंग वाले 10. शंकर - सबका कल्याण करने वाले 11. शूलपाणी - हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले 12. खटवांगी - खटिया का एक पाया रखने वाले 13. विष्णुवल्लभ - भगवान विष्णु के अतिप्रेमी 14. शिपिविष्ट - सितुहा में प्रवेश करने वाले 15. अंबिकानाथ - भगवति के पति 16. श्रीकण्ठ - सुंदर कण्ठ वाले 17. भक्तवत्सल - भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले 18. भव - संसार के रूप में प्रकट होने वाले 19. शर्व - कष्टों को नष्ट करने वाले 20. त्रिलोकेश - तीनों लोकों के स्वामी 21. शितिकण्ठ - सफेद कण्ठ व